Thursday, 8 April 2010

तीसरी बीवी के लोकार्पण का एक दृश्य

No comments:

Post a Comment

जीवनस्पर्श की कहानियां: तीसरी बीवी

-संजय कुमार सेठ/पुस्तक वार्ता ------------- हृदय’ और ‘बुद्धि’ के योग से संयुक्त ‘अभिज्ञात’ का ज्ञात मन सपने देखता है। ये सपने भी रो...